रहिमन अति न कीजिये, गहि रहिए निज कानि. सैजन अति फूलै तउ, डार पात की हानि. हिन्दी अनुवाद: रहीम कहते हैं कि कभी भी किसी कार्य और व्यवहार में एक सीमा को पार कभी नहीं करना चाहिए. अपनी मर्यादा या सीमा का पालन करना चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे जब कभी मुनगा या सहजन की फल्ली ज़रूरत से अधिक फूल …