कमला थिर न रहीम कहि, लखत अधम जे कोय. प्रभु की सो अपनी कहै, कयों न फजीहत होय. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): रहीम कहते हैं, धन-संपदा (लक्ष्मी) चंचल है, एक जगह स्थिर नहीं रह सकती; जो ऐसा सोचते हैं, वह अधर्मी हैं. लक्ष्मी तो प्रभु विष्णु की पत्नी है, जो इसे अपना समझता है उसका अहित होना स्वाभाविक है. अर्थात् …
रहिमन सूधी चाल तें, प्यादा होत उजीर. फरजी मीर न ह्वै सकै, टेढ़े की तासीर. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): शतरंज के खेल में, सीधी चाल चल कर प्यादा भी वज़ीर बन जाता है. लेकिन टेढ़ी-मेढ़ी चाल चलने वाला वज़ीर कभी राजा नहीं बन पाता. कपटी व्यक्ति को अपने कपटी स्वभाव (टेढ़ी-मेढ़ी चाल) के कारण जीवन में सम्मानित पद हासिल नहीं …
रहिमन याचकता गहे, बड़े छोट ह्वै जात. नारायराा हू को भयो, बाबन आँगुर गात. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): रहीम कहते हैं कि कुछ भी माँगने से, बड़ा व्यक्ति भी छोटा हो जाता है. भगवान विष्णु को भी मांगने के लिये छोटे ब्राह्मण बालक का शरीर धारण करके (वामन अवतार लेकर) महाराज बलि के पास जाना पड़ा था. English Phonetics: …
जो रहीम ओछो बढ़ै, तो अति ही इतराय. प्यादे सों फरजी भयो, टेढ़ो-टेढ़ो जाय. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): ओछे आदमी (छोटी सोच के लोग) का नीच स्वभाव कभी नहीं बदलता. वह जैसे-जैसे उन्नति करता है, उसका नीच स्वभाव भी वैसे-वैसे बढ़ता जाता है. वैसे ही जैसे, शतरंज के खेल में प्यादा जब वजीर बन जाता है तो वह टेढ़ी …
संपति भरम गंवाइ कै, हाथ रहत कछु नहिं. ज्यों रहीम ससि रहत है, दिवस अकासहिं माँहि. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): धन-संम्पति को गँवा देने पर, व्यक्ति का इसके होने का भ्रम टूटता है. धन-संम्पति चले जाने के बाद व्यक्ति के हाथ कुछ नहीं रह जाता है – धन के साथ नाम-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, गौरव इत्यादि सब चले जाते हैं. जैसे, चन्द्रमा दिन में होता तो आकाश में ही है, परन्तु किसी को दिखाई …
रहिमन राज सराहिए, ससि सम सुखद जो होय. कहा बापुरो भानु है, तपै तरैयन खोय. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): उस शासन की प्रसंसा करनी चाहिए, जो चन्द्रमा के समान सभी को सुख देने वाला हो. वह राजा किस काम का, जो सूर्य के समान होता है, जिसके तेज (ताप) में एक भी तारा दिखाई नहीं देता. बेचारा सूर्य अकेला ही …
दिब्य दीनता के रसहि, का जाने जग अंधु. भली बिचारी दीनता, दीनबंधु से बंधु. हिन्दी अर्थ: निर्धनता में कितना रस, कितना आनंद होता है, यह धन के लोभ में (अहंकार में) अंधे हुए लोग नहीं समझ सकते. मुझे अपनी निर्धनता बहुत प्यारी है, क्योंकि इससे मैंने अपने प्रभु को पा लिया है. अतः अब दौलत मेरे लिए निरर्थक है. …