लिखि रहीम लिलार में भई आन की आन, पद कर काटि बनारसी पहुँची मगहर थान. हिन्दी अनुवाद: जो माथे पर (भाग्य में) लिखा हुआ है, वह हो कर रहेगा. काशी पहुँचकर भले ही हाथ-पैर काट लो, पर अगर भाग्य में मगहर (एक क़स्बे का नाम) में मारना लिखा है तो आप उस स्थान पर पहुँच जाओगे. टिप्पणी: पौराणिक मान्यता के …
कमला थिर न रहीम कहि, लखत अधम जे कोय. प्रभु की सो अपनी कहै, कयों न फजीहत होय. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): रहीम कहते हैं, धन-संपदा (लक्ष्मी) चंचल है, एक जगह स्थिर नहीं रह सकती; जो ऐसा सोचते हैं, वह अधर्मी हैं. लक्ष्मी तो प्रभु विष्णु की पत्नी है, जो इसे अपना समझता है उसका अहित होना स्वाभाविक है. अर्थात् …
रहिमन सूधी चाल तें, प्यादा होत उजीर. फरजी मीर न ह्वै सकै, टेढ़े की तासीर. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): शतरंज के खेल में, सीधी चाल चल कर प्यादा भी वज़ीर बन जाता है. लेकिन टेढ़ी-मेढ़ी चाल चलने वाला वज़ीर कभी राजा नहीं बन पाता. कपटी व्यक्ति को अपने कपटी स्वभाव (टेढ़ी-मेढ़ी चाल) के कारण जीवन में सम्मानित पद हासिल नहीं …
संपति भरम गंवाइ कै, हाथ रहत कछु नहिं. ज्यों रहीम ससि रहत है, दिवस अकासहिं माँहि. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): धन-संम्पति को गँवा देने पर, व्यक्ति का इसके होने का भ्रम टूटता है. धन-संम्पति चले जाने के बाद व्यक्ति के हाथ कुछ नहीं रह जाता है – धन के साथ नाम-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, गौरव इत्यादि सब चले जाते हैं. जैसे, चन्द्रमा दिन में होता तो आकाश में ही है, परन्तु किसी को दिखाई …
दिब्य दीनता के रसहि, का जाने जग अंधु. भली बिचारी दीनता, दीनबंधु से बंधु. हिन्दी अर्थ: निर्धनता में कितना रस, कितना आनंद होता है, यह धन के लोभ में (अहंकार में) अंधे हुए लोग नहीं समझ सकते. मुझे अपनी निर्धनता बहुत प्यारी है, क्योंकि इससे मैंने अपने प्रभु को पा लिया है. अतः अब दौलत मेरे लिए निरर्थक है. …
खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान. रहिमन दाबै न दबै, जानत सकल जहान. हिन्दी अर्थ: बीमारी (खैर/ खैरियत) , खून (हत्या), खांसी, खुशी, दुश्मनी (बैर), प्रेम (प्यार) और नशे (मदिरापान) की लत. इनको कितना भी छुपाने की कोशिश की जाय पर ये नहीं छुपा सकते, सारा संसार इन्हें जान ही जाता है. English Phonetic: Khair, Khoon, Khansi, Khusi, …
चाह गई चिन्ता मिटी, मनुआ बेपरवाह. जिनको कछु न चाहिये, वे साहन के साह. हिन्दी अर्थ: अगर व्यक्ति आकांक्षाओं (इक्छओं) को छोड़ दे तो उसकी चिन्तायें समाप्त हो जातीं हैं और मन बेपरवाह. जिन्हें कुछ भी नही चाहिये, वो राजाओं के राजा होते हैं क्योंकि वो हर हाल में खुश रहते हैं. भावार्थ: हमारी चिंताएं, हमारी असीमित इच्छाओं के …
बड़ माया को दोस यह, जो कबहुँ घटि जाय. तो रहीम गरिबो भलो, दुख सहि जिए बलाय. हिन्दी अर्थ: अधिक धन-सम्पति का दोष यह है कि वह कभी भी कम हो सकती है. जब धनी व्यक्ति निर्धन हो जाता है तो उसे बड़ा कष्ट होता है. और धन कम होने का दुख इतना असहनीय लगता है कि उसे मृत्यु …