स्वारथ रचत रहीम सब, औगुन हूँ जग माँहि. बड़े-बड़े बैठे लखौ, पथ रथ कूबर छांहि. Hindi Meaning (हिन्दी अर्थ): लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए दूसरों में गुण और दोष अपनी सुविधा अनुसार निकाल लेते हैं. ढीक वैसे ही, जैसे जो लोग पहले जो रूके रथ की छाया को अशुभ मानते थे – पर अब वे लोग ही …