Tag Archives: मन काहू के बाढि

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गुनते लेत रहीम जन, सलिल कूपते काढि. कूपहु ते कहुँ होत है, मन काहू के बाढि.   हिन्दी अर्थ: प्यास बुझाने ले लिए लोग रस्सी की मदद से कुएं से जल निकालते हैं. मनुष्य का ह्रदय कुएँ से गहरा नहीं होता और उसके मन की गहराई से बात निकालने के लिए विश्वास (अच्छे गुणों द्वारा दूसरों के ह्रदय में अपने …