Tag Archives: Freind in Need

Opportunist Friends

जब लगि विपुन न आपनु, तब लगि मित्त न कोय. रहिमन अंबुज अंबु बिन, रवि ताकर रिपु होय. हिन्दी अर्थ: जब तक आप धनवान् नहीं होते, कोई आपका मित्र नहीं होता. धन आते ही मित्र बन जाते हैं और धन जाने पर मित्र भी शत्रु बन जाते हैं. जैसे सूर्य के प्रकाश में कमल खिलता है, लेकिन तालाब का पानी …